Tuesday 10 January 2017


आशिकी
(निकिता अनिलराव भगत)


एक दिल के पास तुही है
तेरे लिये हि ये धडकन है
तेरे प्यार कि हद नही...
 वो प्यार हि क्या जो हद के पार नही ||...

दिल कि दुनिया मे अब सिर्फ तुम हो
 यह इश्क़ का इजहार नही..
तेरी दिवानगी का फितूर हि सही....
पर वोह इश्क़ हि क्या जिसमे दिवानगी नही ||...

लम्हा लम्हा इंतजार का....
युही गुजर जायेगा....
 हम शायद आपके काबील नही ...
 पर फिर भी आप को हम से प्यार हो जायेग ||..

नाजूक यह घडी मुलाकात कि है ....
थोडे डरे आप,हम भी तोह सहमे से है....
 पल युही न ये गुजर जाये...
 लब्जो कि पहल भी तोह जरुरी है||

आप को युही निहारते रहे हम ....
इतना खूबसूरत मेरा साजन है....
 अब यह इश्क़ नही हमारे बस मे...

 बस तुही मेरी एक जन्नत है ||

No comments:

Post a Comment