Tuesday 10 January 2017

Dahshat

शू.......  शू....... शू.......

यही हैं वो
वही हैं वो
जो भी हैं वो
नहीं छोड़ेगा वोह

शू....... शू....... शू.......
कुछ तो बताती हैं ...ये मंद मंद आवाजे
गौर कर तू ... समझ ये इशारे
बड़ी बेखबर तू....चल रही हैं|
पता नहीं अंजाम ...क्या होगा आगे...||

शू....... शू...... शू.....
माहिर हैं वो
नहीं जाहिर हैं वो
शातिर हैं वो
नहीं जाने देगा वो

हवस हैं वो
डर हैं वो
कातिल हैं वो
नहीं बक्शेंगा वो
यही बताती हैं ..... यह हवाए
नजरअंदाज न कर... कदमो की आहटे  |
बड़ी बेखबर सी तू ...चल रही हैं

पता नहीं अंजाम क्या होगा आगे||  

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